जनसभा में हमारा प्रयास है प्रकाशक-लेखक के बीच एक नई पारदर्शिता लाने का। हमारी महत्वाकांक्षा है हिन्दी के लेखकों को लेखनी से ही पूरी आजीविका यापन हो, भाषा की सेवा में आर्थिक संघर्ष कम से कम हो।
जनसभा के सारे प्रकाशन भारत हित एवं भारतीयता के अध्ययन-प्रचार को समर्पित हैं।
आइये जुड़ें, आगे बढ़ें एवं हिन्दी को बिंदास बनाएं।
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पुनीत मोदगिल एक उद्यमी हैं जो डिजीटल अर्थ व्यवस्था से जुड़े हैं। रांची में पले-बढ़े पुनीत की हिंदी में रुचि एवं प्रेरणा विद्यालय के गुरुओं श्रीमती आनंद एवं श्री पाठक से प्राप्त हुई। सारी भारतीय भाषाओं को अपनी धरोहर मानने वाले पुनीत की आकांक्षा है कि हिंदी प्रकाशन का विकास हो एवं व्यावसायिक पारदर्शिता बढ़े।
आईआईटी दिल्ली से रसायनिक इंजीनियरिंग के बाद अपना उद्यम आरंभ किया। पिछले 20 वर्षों से कई राष्ट्रीय व्यापारिक एवं उद्यमी संस्थाओं जैसे ऑल इंडिया प्लास्टिक्स मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन (AIPM) में अपना नेतृत्व एवं योगदान दे रहे हैं। हिन्दी, सनातन एवं भारतवर्ष की कर्मठ सेवा में कई प्रोजेक्ट्स एवं अभियानों में तत्पर हैं। जनसभा भी इसी श्रृंखला में एक कड़ी है।
पुनीत मोदगिल एक उद्यमी हैं जो डिजीटल अर्थ व्यवस्था से जुडें हैं। रांची में बढे पले पुनीत की हिंदी में रुचि एवं प्रेरणा विद्यालय के गुरुओं श्रीमती आनंद एवं श्री पाठक से प्राप्त हुई। सारी भारतीय भाषाओं को अपनी धरोहर मानने वाले पुनीत की आकांक्षा है कि हिंदी प्रकाशन का विकास हो एवं व्यावसायिक पारदर्शिता बढे।
आईआईटी दिल्ली से रसायनिक इंजीनियरिंग के बाद अपना उद्यम आरंभ किया। पिछले 20 वर्षों से कई राष्ट्रीय व्यापारिक एवं उद्यमी संस्थाओं जैसे ऑल इंडिया प्लास्टिक्स मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन (AIPM) में अपना नेतृत्व एवं योगदान दे रहे हैं। हिन्दी, सनातन एवं भारतवर्ष की कर्मठ सेवा में कई प्रोजेक्ट्स एवं अभियानों में तत्पर हैं। जनसभा भी इसी श्रृंखला में एक कड़ी है।
इस महत्वपूर्ण “हमारी हिन्दी” यात्रा में कई मित्र, विद्वान, बुद्धिजीवी, मार्गदर्शक, हिन्दी के सेवक साथ जुड़े उन सभी का आभार।
शुभचिंतक भी, मार्गदर्शक भी, हमारे परामर्श मंडली में हिन्दी जगत के बुद्धिजीवी जिनके हम कृतज्ञ हैं।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान और भारतीय जनसंचार संस्थान, दिल्ली से पत्रकारिता की पढ़ाई। 22 वर्ष से अधिक समय तक मुख्यधारा पत्रकारिता की। आजतक समूह, एनडीटीवी, सीएनबीसी टीवी18, स्टार न्यूज, ज़ी न्यूज़ और नवभारत टाइम्स में संपादकीय पदों पर रहे। 2020 में ज़ी न्यूज के लोकप्रिय कार्यक्रम डीएनए के प्रभारी के रूप में काम करने के बाद टेलीविजन पत्रकारिता से विदाई ले ली। इसके बाद से अपनी रुचि के काम कर रहे हैं। डॉक्यूमेंट्री फिल्में बनाते हैं। इनकी बनाई ‘विभाजन की विभीषिका’ 2022 के अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल, गोवा में नॉन-फीचर फिल्म श्रेणी में चुनी गई। भारतीय जनसंचार संस्थान से गेस्ट लेक्चरर के रूप में भी जुड़े हैं।
मनीषा कुलश्रेष्ठ एक सुपरिचित लेखिका हैं जो कथा जगत के कई महत्वपूर्ण सम्मान एवं फैलोशिप प्राप्त कर चुकी हैं। इनके अब तक सात कहानी-संग्रह एंव पांच उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें शिगाफ़, पंचकन्या, स्वप्नपाश किरदार और मल्लिका उल्लेखनीय हैं। इनकी कई कहानियां विदेशी भाषाओं में भी अनूदित हो चुकी हैं।स्वतंत्र लेखन और इंटरनेट की पहली हिन्दी वेबपत्रिका ‘हिन्दीनेस्ट’ का ग्यारह वर्षों से सम्पादन। ‘हिन्दीनेस्ट’ के अलावा, वर्धा विश्वविद्यालय की वेबसाइट ‘हिन्दी समय डॉट कॉम’ का निर्माण, ‘संगमन’ की वेबसाइट ‘संगमन डॉट कॉम’ का निर्माण व देखरेख।
मधुप मोहता ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से चिकिस्ता में स्नातक उपाधि (एम.बी.बी.एस.) प्राप्त की है। इसके अलावा आपने हांगकांग विश्वविद्यालय और स्टॉकहोम के आई.एफ़.एल. में अध्ययन किया है। आप भारत के विदेश मंत्रालय में सेवारत हैं और हांगकांग, काठमांडू, बेंकॉक और लंदन में भारतीय डिप्लोमेटिक मिशन्स में कार्य किया है। मधुप Indian Council of Cultural Relations और Foreign Service Institute के निदेशक भी रह चुके हैं। आपने गगनांचल नामक प्रसिद्ध हिन्दी पत्रिका का संपादन भी किया है।
अरिसूदन यादव एक पोडकास्टर हैं जो अपनी हिन्दी कविता पाठ एंव विवेचन के लिए जाने जाते हैं। वैश्विक ऊर्जा के उद्योग से जुडे हैं एवं डीजिटल माध्यम सें खासकर युवाओं में हिन्दी प्रचारित करने में सेवारत हैं।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान और भारतीय जनसंचार संस्थान, दिल्ली से पत्रकारिता की पढ़ाई। 22 वर्ष से अधिक समय तक मुख्यधारा पत्रकारिता की। आजतक समूह, एनडीटीवी, सीएनबीसी टीवी18, स्टार न्यूज, ज़ी न्यूज़ और नवभारत टाइम्स में संपादकीय पदों पर रहे। 2020 में ज़ी न्यूज के लोकप्रिय कार्यक्रम डीएनए के प्रभारी के रूप में काम करने के बाद टेलीविजन पत्रकारिता से विदाई ले ली। इसके बाद से अपनी रुचि के काम कर रहे हैं। डॉक्यूमेंट्री फिल्में बनाते हैं। इनकी बनाई ‘विभाजन की विभीषिका’ 2022 के अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल, गोवा में नॉन-फीचर फिल्म श्रेणी में चुनी गई। भारतीय जनसंचार संस्थान से गेस्ट लेक्चरर के रूप में भी जुड़े हैं।
मनीषा कुलश्रेष्ठ एक सुपरिचित लेखिका हैं जो कथा जगत के कई महत्वपूर्ण सम्मान एवं फैलोशिप प्राप्त कर चुकी हैं। इनके अब तक सात कहानी-संग्रह एंव पांच उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें शिगाफ़, पंचकन्या, स्वप्नपाश किरदार और मल्लिका उल्लेखनीय हैं। इनकी कई कहानियां विदेशी भाषाओं में भी अनूदित हो चुकी हैं।स्वतंत्र लेखन और इंटरनेट की पहली हिन्दी वेबपत्रिका ‘हिन्दीनेस्ट’ का ग्यारह वर्षों से सम्पादन। ‘हिन्दीनेस्ट’ के अलावा, वर्धा विश्वविद्यालय की वेबसाइट ‘हिन्दी समय डॉट कॉम’ का निर्माण, ‘संगमन’ की वेबसाइट ‘संगमन डॉट कॉम’ का निर्माण व देखरेख।
मधुप मोहता ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से चिकिस्ता में स्नातक उपाधि (एम.बी.बी.एस.) प्राप्त की है। इसके अलावा आपने हांगकांग विश्वविद्यालय और स्टॉकहोम के आई.एफ़.एल. में अध्ययन किया है। आप भारत के विदेश मंत्रालय में सेवारत हैं और हांगकांग, काठमांडू, बेंकॉक और लंदन में भारतीय डिप्लोमेटिक मिशन्स में कार्य किया है। मधुप Indian Council of Cultural Relations और Foreign Service Institute के निदेशक भी रह चुके हैं। आपने गगनांचल नामक प्रसिद्ध हिन्दी पत्रिका का संपादन भी किया है।
अरिसूदन यादव एक पोडकास्टर हैं जो अपनी हिन्दी कविता पाठ एंव विवेचन के लिए जाने जाते हैं। वैश्विक ऊर्जा के उद्योग से जुडे हैं एवं डीजिटल माध्यम सें खासकर युवाओं में हिन्दी प्रचारित करने में सेवारत हैं।