200 से अधिक पुस्तकों, उस दौर के कई समाचार पत्रों, सरकारी दस्तावेजों और रिपोर्ट, पुलिस के रिकॉड और अदालत की कार्यवाही को एक नए रोचक सूत्र में पिरोती, इस विषय पर एक निश्चायक संदर्भ पुस्तक।
भारतीय इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटना है भारत का विभाजन, पर इसे भारतीय इतिहासकार, इतिहास के पुस्तकों में पक्षपाती द्रष्टिकोण से दिखाते हैं ।
आज़ादी के आंदोलन का अंतिम दौर, मुस्लिम लीग की पाकिस्तान की मांग, सांप्रदायिक दंगे, देश का विनाशकारी विभाजन, लुटे-पिटे शरणार्थियों की समस्या, मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा, पाकिस्तान को 55 करोड़ रुपये देने के लिये गांधी का हठ, हिंदुओं के मन में पैदा हुआ उपेक्षा और क्षोभ का भाव, सत्ता और शक्ति के लिए कांग्रेस के तत्कालीन नेतृत्व में पड़ी फूट – यह कुछ ऐसी घटनाएं हैं जिनका अध्ययन किए बिना विभाजन का पूरा सच सामने नहीं आता।
कभी इस विषय पर भी गंभीर चर्चा नहीं होती कि “पाकिस्तान मेरी लाश पर बनेगा” ये कहने वाले गांधी ने विभाजन के खिलाफ कोई आमरण अनशन या कोई आंदोलन क्यों नहीं किया? इस पुस्तक में इस मुद्दे पर तथ्यों के साथ चर्चा की गई है।
इतना ही नहीं विभाजन के कई ऐसे तथ्य और राज़ हैं जो कभी सामने ही नहीं आये, या फिर आने नहीं दिये गये। ये पुस्तक इन सभी मुद्दों, तथ्यों और रहस्यों से पर्दा उठाती है। और कुछ असहज तथ्यों को उजागर करती है। उदाहरण के लिये
पुस्तक में विभाजन के समय हो रही घटनाओं को पूरे सबूतों के साथ एक दिलचस्प कहानी के रूप में बयान किया गया है।
इन तथ्यों के लिए पुस्तक के लेखक ने पुलिस की तमाम छोटी-बड़ी जांच रिपोर्ट, भारतीय नेताओं और उनके सहायकों की डायरी, अंग्रेज़ों के दस्तावेज़ और विभाजन के समय लिखे अनेकों पत्रों का बहुत ही बारीकी से अध्ययन किया है। इस पुस्तक को पढ़कर यह राज़ खुलता है कि कैसे गांधी ने अपने नीतियों और फैसलों से भारतीय विभाजन को प्रभावित किया, जिससे सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से करोड़ों लोगों की जिंदगी बदल दी।
ये पुस्तक विभाजन के समय गांधी की जिंदगी के अनछुए पहलू और उसकी मानसिकता को भी सामने लाती है। कुल मिलाकर इस पुस्तक को मानक इतिहास लेखन की दृष्टि से देखा जाए तो लेखक प्रखर श्रीवास्तव ने प्राथमिक स्रोतों का उपयोग बहुत परिश्रम, सावधानी और समझदारी से किया है। उन्होंने पूरे तथ्यों, तर्कों और सबूतों के साथ इतिहास को बहुत आसान और दिलचस्प कहानी के रूप में बयान किया है।
यूपीआई (upi) से भुगतान के बाद अपना पूरा नाम, पूरा पोस्ट पता (पिन कोड), मोबाइल नंबर एवं सफल भुगतान का स्क्रीन शॉट हमसे साझा करें व्हाट्सऐप (whatsapp) नंबर 9871138833 या ईमेल namaste@jansabha.org) पर। आपकी पुस्तक 1-2 दिनों में भेजी जाएंगी।
यूपीआई (upi) से भुगतान के बाद अपना पूरा नाम, पूरा पोस्ट पता (पिन कोड), मोबाइल नंबर एवं सफल भुगतान का स्क्रीन शॉट हमसे साझा करें व्हाट्सऐप (whatsapp) नंबर 9871138833 या ईमेल namaste@jansabha.org) पर। आपकी पुस्तक 1-2 दिनों में भेजी जाएंगी।
यूपीआई (upi) से भुगतान के बाद अपना पूरा नाम, पूरा पोस्ट पता (पिन कोड), मोबाइल नंबर एवं सफल भुगतान का स्क्रीन शॉट हमसे साझा करें व्हाट्सऐप (whatsapp) नंबर 9871138833 या ईमेल namaste@jansabha.org) पर। आपकी पुस्तक 1-2 दिनों में भेजी जाएंगी।
यूपीआई (upi) से भुगतान के बाद अपना पूरा नाम, पूरा पोस्ट पता (पिन कोड), मोबाइल नंबर एवं सफल भुगतान का स्क्रीन शॉट हमसे साझा करें व्हाट्सऐप (whatsapp) नंबर 9871138833 या ईमेल namaste@jansabha.org) पर। आपकी पुस्तक 1-2 दिनों में भेजी जाएंगी।
यूपीआई (upi) से भुगतान के बाद अपना पूरा नाम, पूरा पोस्ट पता (पिन कोड), मोबाइल नंबर एवं सफल भुगतान का स्क्रीन शॉट हमसे साझा करें व्हाट्सऐप (whatsapp) नंबर 9871138833 या ईमेल namaste@jansabha.org) पर। आपकी पुस्तक 1-2 दिनों में भेजी जाएंगी।
यूपीआई (upi) से भुगतान के बाद अपना पूरा नाम, पूरा पोस्ट पता (पिन कोड), मोबाइल नंबर एवं सफल भुगतान का स्क्रीन शॉट हमसे साझा करें व्हाट्सऐप (whatsapp) नंबर 9871138833 या ईमेल namaste@jansabha.org) पर। आपकी पुस्तक 1-2 दिनों में भेजी जाएंगी।
यूपीआई (upi) से भुगतान के बाद अपना पूरा नाम, पूरा पोस्ट पता (पिन कोड), मोबाइल नंबर एवं सफल भुगतान का स्क्रीन शॉट हमसे साझा करें व्हाट्सऐप (whatsapp) नंबर 9871138833 या ईमेल namaste@jansabha.org) पर। आपकी पुस्तक 1-2 दिनों में भेजी जाएंगी।
यूपीआई (upi) से भुगतान के बाद अपना पूरा नाम, पूरा पोस्ट पता (पिन कोड), मोबाइल नंबर एवं सफल भुगतान का स्क्रीन शॉट हमसे साझा करें व्हाट्सऐप (whatsapp) नंबर 9871138833 या ईमेल namaste@jansabha.org) पर। आपकी पुस्तक 1-2 दिनों में भेजी जाएंगी।
डॉ. मीनाक्षी जैन
पद्मश्री सम्मानित इतिहासकार एवं सीनियर फे लो, नेहरू स्मृति संग्रहालय एवं पुस्तकालय, नई दिल्ली
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ
वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक
संजय दीक्षित (रिटा. आइएएस)
पूर्व अपर मुख्य सचिव राजस्थान सरकार एवं चेयरमैन, जयपुर डायलॉग्
अनुज धर
प्रसिद्ध लेखक
मधु पूर्णिमा किश्वर
सीनियर फेलो, नेहरू स्मृति संग्रहालय एवं पुस्तकालय, संस्थापक मानषी एव नेशनल प्रोफेसर, इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइसं रिसर्च
नीरज अत्री
प्रसिद्ध लेखक, शिक्षाविद एवं राष्ट्रवादी विचारक
शकील चौधरी
पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार एवं स्कॉलर
शेखर सेन
पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं पूर्व अध्यक्ष, राष्ट्रीय संगीत नाट्य अकादमी
आलोक श्रीवास्तव
प्रसिद्ध कवि और पत्रकार
इस पुस्तक को साझा करें:
Facebook
Instagram
Youtube
Twitter